यहां गांव वालों को धान के बदले मिलती है बिजली, बाट-तराजू लेकर घर-घर जाते हैं कर्मचारी

बिजली का बिल जमा करने के लिए शहरी लोगों भले ही घर से बाहर जाना पड़ता हो, लेकिन यूपी में एक ऐसा गांव है जहां गांव वाले बिल जमा करने नहीं जाते, बल्कि विद्युत विभाग के कर्मचारी खुद ही बिल लेने उपभोक्ता के घर पहुंचते हैं. यही नहीं कर्मचारियों को बिजली का बिल रुपये में नहीं बल्कि धान की शक्ल में मिलता है. यानि गांव के लोग बिजली के बिल के रूप में धान देते हैं और कर्मचारी घर-घर बाट-तराजू लेकर पहुंचते हैं.
दरअसल, मुरादाबाद जिले के इस गांव आज भी ऐसा ही होता है. यहां बिजली के बदले गांव वालों से बिजली विभाग अनाज वसूलता है. गेहूं के सीजन में गेहूं और धान के सीजन में धान. गांव वालों की मानें तो बिजली वाले कई बार बिल के बदले दालें और घी-दूध भी ले जाते हैं.
बता दें कि इस गांव में आठ साल से बिजली की लाइन है और ज्यादातर घरों में बिजली का कनेक्शन भी है. लेकिन मीटर किसी भी घर में नहीं लगा है. इसलिए घर में बिजली की खपत का अंदाजा लाइनमैन लगाता है. वह ये भी तय करता है कि किस घर से कितना अनाज लेना है.

अमर उजाला की खबर के मुताबिक, मंगलवार को भी यही सिलसिला चल रहा था, तभी वहां पुलिस पहुंच गई और बिजली विभाग वाले आठ बोरा धान और बाट-तराजू छोड़कर भाग गए. वहीं एक स्थानीय नेता के दखल के बाद पुलिस ने लाइनमैन समेत दो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है. गांव वालों की मानें तो भगतपुर थाना क्षेत्र के गांव सिरसवां हरचंद का मझरा में यह सिलसिला पिछले आठ सालों से चल रहा है. हर महीने बिजली वाले गांव आते हैं और बिजली खर्च का अनुमान लगाकर अनाज वसूलकर ले जाते हैं.
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First published: 14 November 2018, 12:11 IST