आयकर विभाग ने अयोध्या के मंदिरों को भेजा नोटिस, मांगा दान में मिले पैसे का हिसाब

नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिरों और धार्मिक ट्रस्टों को नोटिस भेज कर दान में मिले पैसों का हिसाब देने को कहा है.
इसके साथ ही विभाग ने सभी मंदिरों और ट्रस्टों को अपनी बैलेंसशीट भी जमा कराने का निर्देश दिया है. बीते आठ नवंबर की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 500 और 1000 के नोट चलन से बाहर करने की घोषणा की थी.
उसके बाद आयकर विभाग को इस तरह की खबरें मिली रही थीं कि पीएम मोदी की घोषणा के बाद मंदिरों और ट्रस्टों के माध्यम से कालाधन सफेद हो रहा है.
अंग्रेजी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक आयकर विभाग ने अयोध्या के पूर्व राजपरिवार द्वारा चलाए जाने वाले धार्मिक ट्रस्ट को भी हिसाब पेश करने के लिए कहा है.
इस मामले में आईटी कमिश्नर विजय कुमार ने बताया, "हमने सभी धार्मिक ट्रस्टों को नोटिस भेजा है. जिन ट्रस्टों के खाते में गड़बड़ी पाई जाएगी उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी."
वहीं अयोध्या के कई धार्मिक ट्रस्टों के वकील अनुज सिंघल ने कहा, "हम लोग आगे की कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं."
पटेश्वरी देवी मंदिर धार्मिक ट्रस्ट के मैनेजर अभिजीत सिंह बिसेन ने कहा, "हम लोग परेशान नहीं हैं, क्योंकि हम ईमानदारी से अपना आयकर रिटर्न भरते हैं."
नोटबैन के बाद कई मंदिरों ने दर्शनार्थियों से अपील की है कि वो दानपेटियों में 500 और 1000 रुपये के नोट न डालें ताकि उनकी बैलेंशशीट में कोई गड़बड़ी न लगे.
मनकामेश्वर मंदिर के महंत देव्या गिरि ने कहा, "मंदिरों के खातों का नियमित ऑडिट होता है, लेकिन विमुद्रीकरण की वजह से एक बार फिर बहीखातों का ऑडिट किया जा रहा है."
इसके अलावा कई मंदिरों में चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) नियमित जा रहे हैं और ट्रस्ट के खातों की ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं.
गौरतलब है कि मोदी सरकार के द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बाद इस तरह की खबरें आ रही हैं कि काले धन को मंदिरों-धार्मिक ट्रस्टों में दान के जरिए सफेद किया जा रहा है.