जानिए वो क्या है जो नोएडा मेट्रो को देशभर की मेट्रो से खास बनाता है

एनएमआरसी (नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन) साफ कर चुका है कि अगले साल दिसंबर में नोएडा ग्रेनो मेट्रो की शुरूआत हो जाएगी. लेकिन अब लोगों में इस बात की जिज्ञासा पैदा हो गई है कि आखिर नोएडा-ग्रेनो की मेट्रो ट्रेन कैसी होगी.
आपको बता दें पहली बार देश में इस ट्रैक पर चीन की मेट्रो दौड़ लगाएगी. इससे पहले दिल्ली और एनसीआर में जापान, जर्मनी और इटली के मेट्रो कोच दौड़ रहे हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि इस ट्रैक की क्या खासियतें हैं जो इसे बाकी अन्य मेट्रो से जुदा बनाती हैं.

पहली बार हुआ ऐसा
ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब किसी मेट्रो लाइन को किसी कलर से जोड़ा गया है तो उसकी सीटें और खड़े होने वाले पैसेंजर्स के लिए हैंडल का रंग भी उसी रंग का है. इस लाइन के सभी ग एक्वा हैं.
वहीं, आरक्षित सीटों के रंग भी बदल दिए गए हैं. इससे पहले सभी लाइन पर मेट्रो के कोच पर केवल बाहर से उसी रंग की पट्टी लगी हुई होती थी. एनएमआरसी के अधिकारियों की मानें तो हर कोच में महिलाओं, दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए 16 सीटें आरक्षित की गई हैं. जिनके कलर ब्लू होंगे.

- एक ट्रेन में सीटिंग अरेंजमेंट 186 पैसेंजर्स के लिए होगा. 848 पैसेंजर्स खड़े होकर भी सफर कर सकते हैं.
- नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 29.7 किलोमीटर लंबे कॉरीडोर पर चलने वाली प्रस्तावित मेट्रो की पहचान तय कर ली गई है.
- यह मेट्रो लाइन एक्वा लाइन नाम से जानी जाएगी.
- साथ ही दो स्लोगनों से भी पहचानी जाएगी. एनएमआरसी द्वारा इस रूट के सभी स्टेशनों व मेट्रो ट्रेनों में 'राइड विद प्राइड' व 'नोएडा मेट्रो अपनी मेट्रो' जैसे स्लोगन लिखे जाएंगे.
- यह लाइन डीएमआरसी की ब्लू लाइन को जोड़ेगी.
- ये लाइन कालिंदी कुंज की मजेंटा लाइन से भी बॉटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन में जुड़ेगी.
- खास बात यह है कि यहां की मेट्रो त्रिकोणीय होगी.
- जिन लोगों को दिल्ली से ग्रेटर नोएडा जाना है वह पहले ब्लू लाइन या मजेंटा लाइन से नोएडा आएंगे.
- मेट्रो कॉरीडोर का निर्माण मार्च 2017 तक पूरा कर लिया जाएगा.
- इसके संचालन के साथ करीब 1.5 लाख लोगों को फायदा होगा. जो प्रतिदिन मेट्रो से ग्रेटर नोएडा से नोएडा व दिल्ली का सफर कर सकेंगे.
- कॉरिडोर के बीच कुल 21 मेट्रो स्टेशन प्रस्तावित हैं.
