'योगीराज' में फर्जी आधार से राशन घोटाला, किये गए 1.86 लाख लेनदेन

उत्तर प्रदेश सरकार की एक आंतरिक जांच में पाया गया है कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में राशन खरीदने के लिए फर्जी आधार कार्ड का कथित रूप से इस्तेमाल किया जा रहा था. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार आंतरिक जांच से पता चला कि जुलाई में लगभग 2.2 लाख टन गेहूं और चीनी चोरी करने के लिए करीब 1.86 लाख लेनदेन किए गए.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन की दुकानों के मालिकों ने कथित तौर पर उन लोगों के साथ लाभार्थियों की आधार संख्या को बदल दिया. विभाग को वास्तविक कार्डधारकों से बड़ी संख्या में शिकायतें मिलीं कि उन्हें पीडीएस की दुकानों से राशन नहीं मिल रहा था.
रिपोर्ट के मुताबिक इलाहाबाद से लगभग 37,500 ऐसे लेनदेन की सूचना मिली हैं, जबकि मेरठ में 27,000, मुजफ्फरनगर में 19,000 और गाजियाबाद में 16,500 मामले सामने आये हैं. जिला आपूर्ति अधिकारी गाजियाबाद सुनील कुमार ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, "जुलाई में हमारे पास 69 आधार कार्ड आए थे जिनका इस्तेमाल कई परिवारों के खातों से राशन लेने के लिए किया जाता था.
परिवार के सदस्य का एक आधार कार्ड महीने में केवल एक बार इस्तेमाल किया जाना चाहिए. नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर द्वारा की गई जांच में पाया गया कि उन आधार कार्डधारकों को राशन वितरित किया गया था, जिनके पास राशन कार्ड भी नहीं हैं. घोटाले के दौरान करीब 2,500 क्विंटल अनाज का चोरी किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि राज्य के 43 जिलों में एक विस्तृत जांच की जा रही है. खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री अतुल गर्ग ने बताया, "हमने विभिन्न जिलों में बड़ी संख्या में प्राथमिकी का आदेश दिया है और एक विशेष जांच दल द्वारा जांच के लिए जल्द ही एक निर्णय लिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने इस मामले क संज्ञान लिया है.
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First published: 26 August 2018, 14:02 IST