दूसरे ग्रह के लोग हमें भेज रहे सिग्नल, वैज्ञानिकों को सूर्य के सबसे पास के स्टार से आए मैसेज!

क्या एलियन होते हैं, या फिर हमारी धरती और हमारे सौरमंडल के बाहर भी कोई ऐसा ग्रह हैं जहां पर जीवन हैं और लोग जी रहे हैं और क्या वो भी हमारी तरह ही अपने ही जैसी किसी इंसानी सभ्यता की खोज में लगे हुए हैं यह सवाल इसलिए क्योंकि वैज्ञानिकों को समय -समय पर अंतरिक्ष में ऐसे सिग्रनल मिलते रहते हैं, जिसमें हमारे लिए कोई मैसेज छुपा होता है. हाल ही में वैज्ञानिकों को ऐसा ही एक संकेत मिला है जो हमारी सूर्य के सबसे पास के सौरमडंल की तरफ से आया है, जिसे वैज्ञानिक प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी कहते हैं.
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, एलियन सभ्यताओं की खोज करने वाले वैज्ञानिकों को एक रेडियो सिग्नलों मिला है जो काफी "पेचीदा सिग्नल" है. रिपोर्ट की मानें तो शोधकर्ता इस खोज को प्रकाशि करने के लिए पेपर तैयार कर रहे हैं और डेटा को सार्वजनिक नहीं किया गया है. खबर के अनुसार, वैज्ञानिकों को यह संकेत अप्रैल और मई 2019 में मिले हैं और इसे ऑस्ट्रेलिया में पार्केस टेलीस्कोप से पकड़ा गया है. शोधकर्ताओं को जो सिग्नल मिले हैं वो 980 मेगाहर्ट्ज के रेडियो सिग्रल की काफी छोटी बीम है.
रिपोर्ट के अनुसार, यह सिग्नल क्या है और कहां से आया हैं इसको लेकर अभी अध्ययन किया जा रहा है. शोधकर्ता यह पता लगाने की कोशिश में हैं कि यह सिग्नल किसी ने हमे भेजा है या फिर एक गुजरने वाले उपग्रह की वजह से आया है.
बता दें, पार्केस टेलीस्कोप करीब 100 मिलियन डॉलर द्वारा शुरू किया गया ब्रेकथ्रू लिसन प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसे हमारे सौरमंडल से बाहर से आने वाले रोडियो सिग्नल को समझने के लिए बनाया गया है. वैज्ञानिकों ने इस सिग्नल को BLC1 का नाम दिया है. बता दें, इससे पहले वैज्ञानिकों को 1977 में एक ‘Wow! signal’ भी मिला था. रिपोर्ट की मानें तो शोधकर्ताओं का मानना है कि Wow के बाद मिला यह अब तक का गंभीर सिग्नल है.
बता दें, प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी पृथ्वी से सिर्फ 4.2 प्रकाश वर्ष दूर है. रिपोर्ट की मानें तो जब सिग्नल को सुना जा रहा था, उस दौरान यह थोड़ा शिफ्ट हो गया. माना जा रहा है कि इस सिग्नल के रास्ते में कोई ग्रह आया होगा, जिससे कारण ऐसा हुआ है. माना जाता है कि प्रॉक्सिमा सेंटॉरी के पास एक चट्टानी दुनिया है जो पृथ्वी से 17 प्रतिशत बड़ी है, और एक ऐसा ग्रह भी है जहां सिर्फ गैस ही गैस है.
हालांकि, रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि यह यह संकेत "सांसारिक उत्पत्ति की संभावना है, जो किसी कॉमेट या फिर किसी हाइड्रोजन गैस के बादलों से आया होगा. शोधकर्ताओं का मानें तो इससे Wow सिग्नल को भी समझने में मदद मिलेगी.
हममें से कोई अभी तक यह नहीं जानता है कि अगर एलियन हैं और वो हमसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं तो वो हमसे कैसे संपर्क करेंगे और किस भाषा में करेंगे. ऐसे में जब भी कोई रोडिय सिग्नल मिलता है तो उसे समझने के लिए वैज्ञानिकों को कई महीने तक लग जाते हैं.